चुनावी रंजिश के चलते प्रधान पद के प्रत्याशी की लाठियों से पीटकर हत्या।
अहमदाबाद में जींस-पैंट बनाने के कारोबार से जुड़े थे, पंचायत चुनाव लड़ने की मंशा से आए थे अपने गांव
निवर्तमान प्रधान पति समेत नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज
प्रशासन ने आरोपी के अवैध निर्माण को ढहवाया।
आजमगढ़ / चुनावी रंजिश के चलते जींस पैंट की फैक्ट्री के मालिक को दबंगों ने सोमवार की रात लाठियों से पीटकर मार डाला। वह कुछ दिन पूर्व ही अहमदाबाद से अपने गांव में ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने की मंशा से अपने गांव आए हुए थे। अस्पताल में उनकी सांसें कमजोर पड़ीं तो परिवार में कोहराम मच गया। वारदात की भनक लगते ही एसडीएम मार्टीनगंज दिनेश मिश्रा फोर्स के साथ मौके पर जा पहुंचे। पीड़ित पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने विवाद के पीछे ग्राम प्रधानी चुनाव का जिक्र करते हुए गांव के निवर्तमान ग्राम प्रधान के पति समेत नौ लोगों के खिलाफ हत्या समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर मंगलवार को एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार
सोनहरा गांव निवासी अनिल यादव (42) अहमदाबाद में जींस पैंट निर्माण के काम से जुड़े हैं। अनिल के समर्थक जितेंद्र का गांव के ही ओमप्रकाश से सोमवार की शाम लगभग पांच बजे विवाद हो गया। जितेंद्र ने अनिल को सूचना दी तो वह रात नौ बजे तीन लोगों के साथ रणविजय के घर पूछताछ करने जा पहुंचे। वहां रणविजय व उसके साथी ग्राम प्रधान चुनाव को लेकर गालियां देते हुए लाठियों से हमला बोल दिया, जिसमें अनिल अचेत पड़ गए। सोर मचने की आवाज़ पर स्वजन व गांव के लोग भागकर पहुंचे तो हमलावर नदारद थे। अनिल को घायलावस्था में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मार्टीनगंज में भर्ती कराया गया। वहां से रेफर हुए जौनपुर के अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
स्वजनों ने पुलिस को सूचना देते हुए रात में शव लेकर घर लौट आए। आधी रात में पुलिस पहुंची तो शव कब्जे में लेकर विधिक कार्रवाई शुरू की। तनाव को देखते हुए गांव में फोर्स तैनात कर दी गई है। ग्रामीणों ने बताया कि अनिल एक सप्ताह पूर्व ही चुनाव लड़ने के लिए गांव आए थे।
पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपित रणविजय को भू-माफिया घोषित कर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उसके अवैध निर्माण को गिरवा दिया गया है। अन्य फरार आरोपितों की गिरफ्तारी को दबिश दी जा रही है। तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है, उसी अनुरूप मामले की जांच होगी। इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने बताया कि अनिल एक सप्ताह पूर्व ही गांव आए थे, इसलिए चुनावी रंजिश की बात कहना ठीक नहीं रहेगा। महेंद्र यादव की तहरीर के मुताबिक केस दर्ज हुआ है, जाचं के बाद ही वारदात की वजह स्पष्ट होगी।
चुनाव के बहाने खीच लायी मौत।
आजमगढ़ / बरदह थाना क्षेत्र के सोनहरा गांव में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि हमेशा अहमदाबाद से लौटने पर जिस शख्स को लोग सम्मान देते थे उसकी हत्या भी की जा सकती है, लेकिन चुनाव लड़ने की इच्छा उनके जीवन के अंत का कारण बन गई। गांव वालों के अनुसार प्रारंभिक आरक्षण सूची में प्रधानी की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई थी। उसके बाद अनिल यादव ने चुनाव लड़ने का इरादा छोड़ दिया था। बाद में सीट सामान्य हुई तो उनके मन में आया कि प्रधान बनकर गांव के विकास में अहम भूमिका निभाई जा सकती है।
वह पांच दिन पहले ही अहमदाबाद से घर आए थे। घटना से पहले पत्नी के साथ हंसी-खुशी होली का त्योहार मना रहे थे। उसी समय गांव के एक व्यक्ति ने गांव में झगड़ा होने की जानकारी दी तो वह पूछताछ और समझाने के लिए निकल पड़े, लेकिन विरोधियों ने घात लगाकर हमला कर दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई। अनिल काफी मृदुल स्वभाव के थे। गुजरात के अहमदाबाद शहर में जींस पैंट की फैक्ट्री चलाने के साथ गांव और आसपास के लगभग 50 लोगों को भी रोजगार दिया था। यही नहीं अगर किसी कर्मचारी के साथ कोई आकस्मिक स्थिति आती थी तो उसे हवाई जहाज से गांव भेजने की व्यवस्था करते थे। गांव में कोई आयोजन होता था तो उसमें आर्थिक सहयोग देने में पीछे नहीं रहते थे।
इस घटना से पूरे गांव के लोग सकते में हैं। वहीं पत्नी शर्मिला का रो-रोकर बुरा हाल है। वह मौके पर पहुंचे एसडीएम दिनेश कुमार मिश्र से न्याय की गुहार लगा रही थीं। उनकी दशा देख हर किसी की आंखें नम हो जा रही थीं। अनिल के तीन बच्चे हैं जिसमें एक बेटा अहमदाबाद में फैक्ट्री के काम में हाथ बंटाता है। दो बच्चे प्रयागराज में रहकर पढ़ते हैं। घर पर सिर्फ पत्नी रहती हैं।