पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज जी का अस्थि कलश विसर्जित
लखनऊ 21जनवरी ।
पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज जी की अस्थि कलश आज उनके जन्म स्थान पर लाया गया ।विगत 17जनवरी को ह्रदयघात से महाराज जी का दिल्ली मे निधन हो गया था ।दिल्ली मे ही उनके छोटे बेटे पंडित दीपक महाराज ने अंतिम क्रिया कर्म संपन्न कराया था ।महाराज जी को कुछ दिन पूर्व डायलिसिस के लिए अस्पताल मे भर्ती कराया था तभी अपनी छोटी बहू आरती से कहा था की मुझे कुछ हो जाये तो मेरी अस्थिया मेरे जन्मस्थान मेरे घर जरूर ले जाना उसके बाद माता गोमती और बनारस मे मां गंगा के चरणो मे विसर्जित करना ।
उनकी उसी अंतिम इच्छानुसार दो अस्थि कलश लखनऊ लाये गये। पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज के बडे बेटे जय किशन महाराज कलश अपने हाथो मे लेकर महाराज की जन्मस्थली ड्योढी पर पहुचे साथ मे महाराज जी के पोते त्रिभुवन महाराज ,बहू रजनी महाराज, पोतीया रागिनी महाराज ,कनु महाराज और प्रमुख शिष्या सरस्वती सेन भी साथ आयी।बहन मुन्नी देवी यही रहती है भाई किशन महाराज बनारस से आये थे। अस्थि कलश को
पहले महाराज जी की ड्योढी गुईन रोड स्थित पंडित कालकाजी महाराज ड्योढी पर रखा गया जहा सभी कथक नृत्य संगीत से जुडे कलाकारो ने नृत्यमहाराज को अंतिम प्रणाम किया ।
मालिनी अवस्थी ,सुरभि सिह, पूर्णिमा पाण्डे मीरा दीक्षित ईशा रत्न मिशा रतन अनुज मिश्रा हिमाशु , लखनऊ मे महाराज जी के कार्यक्रम कराने वाली संस्था अलपिका की अध्यक्ष रेनू शर्मा उमा त्रिगुणायक बीना सिह रविनाथ मिश्रा मनीषा मिश्रा ।ज्योति किरन
ने पुष्प से श्रद्धांजलि अर्पित की ।सभी ने ड्योढी से ही भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार दोनो से मिडिया के जरिये महाराज जी को भारत रत्न सम्मान दिये जाने की मांग भी की ।
ड्योढी से निकलकर महाराज जी की कलश यात्रा चौक स्थित कुडियाघाट ले जायी गयी ।जहा विधिपूर्वक पूजन के पश्चात माता गोमती मे एक कलश का विसर्जन किया गया ।इस अवसर पर ड्योढी से लेकर कुडियाघाट तक तमाम कला प्रेमियो ने प्रभु भजन गाकर नृत्य सम्राट को विदा किया ।